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भक्तिन ---प्रश्न उत्तर by Avadh Sir(St Mary Sr Sec School, Sikar)

भक्तिन ---प्रश्न उत्तर                                                                                                                   प्रश्न 1. भक्तिन अपना वास्तविक नाम क्यों छुपाती थी? भक्तिन को भक्तिन नाम किसने और क्या देखकर दिया ?


 उत्तर - भक्तिन का वास्तविक नाम लक्ष्मी था | उसके जीवन में अनेक दुख,संघर्ष और कठिनाइयों के अलावा कुछ नहीं था | लक्ष्मी नाम उसके जीवन से कहीं मेल नहीं खाता था क्योंकि लक्ष्मी शब्द सुख समृद्धि और संपन्नता का सूचक होता है लेकिन भक्तिन के जीवन में सुख संपत्ति और समृद्धि का कहीं नामोनिशान नहीं था, इसलिए वह अपना वास्तविक नाम लोगों से छिपाना चाहती    थी | भक्तिन को भक्तिन नाम महादेवी वर्मा ने दिया | जब वह लेखिका के पास सेवा धर्म में शामिल हुई तब लेखिका ने उसके गले में कंठी माला देखकर उसका नाम भक्तिन रख दिया | इस नाम को पाकर वह प्रसन्न हो गई |                                                                                                 


प्रश्न 2.'इस अप्रत्याशित अनुग्रह ने उसके पैरों में पंख लगा के गांव की सीमा में पहुंचते ही झड़ गए'  कथन को स्पष्ट कीजिए|                                                                                                                                                        


उत्तर - लक्ष्मी के पिता का निधन हो गया था | विमाता ने पिता के मरने का समाचार तब भेजा, जब वह सूचना बनकर रह गया था | सास बड़ी समझदार थी | उसने सोचा घर में रोना धोना होगा, इसलिए उसने लक्ष्मी को बिना बताए कि उसे पीहर जाकर सब से मिल आने को कहा | इस अप्रत्याशित अनुग्रह से लक्ष्मी के पैरों में पंख लग गए | वह अत्यंत प्रसन्न हुई |  गांव में पहुंच सारी खुशी दुख में बदल गई | उसे पता चला कि उसके पिता का निधन हो चुका है I घर पहुँची तो पिता का कोई चिह्न शेष नही था|                                                                                                                                             


प्रश्न 3. `जीवन के दूसरे परिच्छेद में भी सुख की अपेक्षा दुख ही अधिक है |`लक्ष्मी के जीवन के दूसरे परिच्छेद में दुख किस प्रकार था ?                                                                                                                                        


उत्तर- जीवन के दूसरे परिच्छेद में भक्तिन ने तीन पुत्रियों को जन्म दिया, जिसके कारण परिवार में वह उपेक्षा का पात्र बन गई| जिठानियो और सास ने पुत्रों को जन्म दिया था, इसलिए वे दिनभर मचिया पर विराजमान रहती | घर का सारा काम लक्ष्मी को ही करना पड़ता | भक्तिन खेत खलिहान और घर सारा  काम करती | उसकी तीनों लड़कियां गोबर उठाती और कंडे थापती | काम करना तो कोई बात नहीं, लेकिन पीड़ा तब होती, जब उसके साथ भेदभाव किया जाता है | जिठानियो  के लड़के दिनभर दूलउड़ाते और उसकी लड़कियों को दिन भर काम करना पड़ता | जिठानिया गाढ़ा दूध पीती और लड़कों को दूध की मलाई उतारकर खिलाती, जबकि लक्ष्मी को केवल मट्ठा मिलता और उसकी लड़कियों को चने -बाजरे की घुघरी चबानी पड़ती |  अच्छी बात यह थी कि लक्ष्मी का पति लक्ष्मी का बहुत सम्मान करता था और उसी के बल पर उसने एक दिन अपने आप को संयुक्त परिवार से अलग कर लिया| लेकिन सुख के ये दिन भी अधिक लंबे नहीं चल सके | बड़ी लड़की का विवाह करने के उपरांत पति का निधन हो जाता है और घर का सारा भार लक्ष्मी के ऊपर आ जाता है|  लक्ष्मी के पति के निधन के बाद लक्ष्मी के जेठ और जेठ के बेटे उसका दूसरा विवाह करने को तैयार हो जाते हैं ताकि उसकी संपत्ति को प्राप्त किया जा सके, लेकिन लक्ष्मी  इनके चंगुल में नहीं आती है | दिन- रात खेतों में काम करके वह अपनी दोनों छोटी लड़कियों का विवाह संपन्न कर देती है और बड़े दामाद को घर जमाई बना लेती है |                                                     


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