सूखी डाली( अभ्यास पुस्तिका प्रश्न XIV ) " यही मेरी आकांक्षा है कि सब डालियां साथ-साथ फले फूले, जीवन के सुखद शीतल वायु के स्पर्श से झूमें और सरसाएँ | विटप से अलग होने वाली डाली की कल्पना ही मुझे सिहरा देती है |"
(क) वक्ता और श्रोता कौन है ? कथन का संदर्भ स्पष्ट कीजिए. उत्तर -वक्ता एकांकी के प्रमुख पात्र दादा मूलराज हैं और श्रोता उनकी पुत्री इंदु है | एकांकी के दूसरे भाग में जब परेश दादाजी से बेला के बारे में कहता है कि वह अलग गृहस्थी बसाना चाहती है | तब दादाजी स्पष्ट मना करके परेश को भरोसा दिलाते हैं कि वह सब कुछ ठीक कर देंगे | उसके बाद घर के सदस्यों को बुलाकर समझाते हैं और बेला का आदर करने और उसका काम बांटने का आदेश देते हैं | विशेष रूप से इंदु और मंझली बहू को समझाते हैं | उसी समय उपर्युक्त वाक्य वे कहते हैं |
(ख) इनके फलने फूलने से वक्ता का क्या आशय है? उत्तर- फलने -फूलने का आशय उन्नति करना है | दादा मूलराज के कहने का आशय है कि परिवार के सभी सदस्य प्रसन्नता से साथ रहे और साथ-साथ उन्नति करें | जिस प्रकार पेड़ पर लगी सभी डालियाँ हरी भरी रहती, उसी प्रकार परिवार के सभी सदस्य साथ रहे और प्रसन्न रहे | परिवार से अलग होकर कोई भी प्रसन्न नहीं रह सकता |
(ग) श्रोता के चरित्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए -उत्तर- श्रोता दादा मूलराज की पुत्री इंदु है | वह दादाजी की लाडली है और प्राथमिक विद्यालय तक शिक्षा प्राप्त है | भाभी बेला के द्वारा बार-बार मायके की तारीफ करना उसे पसंद नहीं है | इस कारण बेला से उसकी नोकझोंक हो जाती है | वह सहृदय युवती है व बड़ों का सम्मान करने वाली है | वाचाल होने के साथ-साथ बात को बढ़ा चढ़ाकर कहती है |
(घ) वक्ता के चरित्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए उत्तर - वक्ता दादा मूलराज हैं | वे परिवार के मुखिया हैं | अपने जीवन के 72 वर्ष पार कर चुके हैं | साहस, परिश्रम, निष्ठा, दूरदर्शिता दादा जी के चरित्र की प्रमुख विशेषताएं हैं | परिवार में कोई भी उनके निर्णय के विरूद्ध जाने की चेष्टा नहीं करता है | उन्होंने पूरे परिवार को एकता के सूत्र में बांध रखा है | उनमें अद्भुत धैर्य है, जिसके कारण वे हर समस्या को सुलझा लेते हैं |
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