(vi)"बिलासी और अत्याचारी राजा कभी निष्कंटक राज्य नहीं कर सकता"
(क)वक्ता और श्रोता कौन कौन है? परिचय दीजिए ?कथन का संदर्भ स्पष्ट कीजिए | उत्तर-वक्ता पन्ना धाय है और श्रोता सामली है | पन्ना धाय महाराणा सांगा के सबसे छोटे पुत्र उदयसिंह की धाय और संरक्षिका है | वह अत्यंत साहसी, कर्तव्यनिष्ठ, स्वामी भक्त और देशभक्त है | सामली महल की परिचारिका है |
(ख) बिलासी और अत्याचार राजा से किस की ओर संकेत किया गया है ? ऐसे व्यक्ति को राजनीति पर क्यों बिठाया गया था | उत्तर-विलासी और अत्याचारी राजा से बनवीर की ओर संकेत किया गया है उसे राजगद्दी पर इसलिए बिठाया गया था क्योंकि उस समय राज्य का असली उत्तराधिकारी उदय सिंह बहुत छोटा था और वर्तमान महाराणा विक्रमादित्य का ध्यान राजकार्य में नहीं था |
(ग) उसने अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए कौन सी चाल चली ? उत्तर-बनवीर की इच्छा मेवाड़ पर निष्कंटक राज करने की थी अपनी इस इच्छा को पूरी करने के लिए उसने राणा विक्रमादित्य और कुंवर उदयसिंह की हत्या करने की चाल चली और इस चाल को अंजाम देने के लिए उसने मेवाड़ में दीपदान पर्व का आयोजन करवाया
(घ) निष्कंटक का क्या अर्थ है ? यह शब्द किस के संदर्भ में और क्यों प्रयोग किया गया है उत्तर-निष्कंटक का शाब्दिक अर्थ है बिना किसी बाधा के यह शब्द बनवीर के संदर्भ में लिखा गया है क्योंकि बनवीर महाराणा विक्रमादित्य और उदय सिंह की हत्या कर राज्य पर निष्कंटक राज करना चाहता था राणा विक्रमादित्य और कुंवर उदयसिंह उसके मार्ग में कांटे की तरह बाधक थी, वह उन्हें रास्ते से हटाना चाहता था
(क) वक्ता और श्रोता कौन कौन है ? परिचय दीजिए | उत्तर- कथन की वक्ता महल की परिचारिका शामली है और श्रोता पन्ना धाय है |
(ख) उक्त कथन में किस राज्य की हत्या की बात कही गई है ? उत्तर- उपर्युक्त कथन में महाराणा विक्रमादित्य की हत्या की बात कही गई है |
(ग) हत्या किसने की? उसने हत्या करने के पूर्व क्या षड्यंत्र रचा? उसे जंगली पशुओं से भी गया बीता क्यों कहा ? उत्तर- महाराणा विक्रमादित्य की हत्या दासी पुत्र बनवीर ने की थी | उसने हत्या करने से पूर्व मेवाड़ में दीपदान उत्सव का आयोजन रखा और तुलजा भवानी के सामने नाच गान का कार्यक्रम रखा, ताकि नगर के लोग उस कार्यक्रम में व्यस्त हो जाएं और वह अपने उद्देश्य में सफल हो सके | उसे जंगली पशुओं से भी गया बीता इसलिए कहा गया है क्योंकि वह अत्यंत क्रूर, अत्याचारी और दुष्ट प्रवृत्ति का था | पशु भी कभी कभी दया कर देता है, परंतु बनवीर किसी भी स्थिति में दया नहीं कर सकता था | .
(घ) पन्ना कुंवर उदयसिंह के प्राणों की रक्षा के लिए क्या योजना बनाई ?. उत्तर- कुंवर उदय सिंह को बचाने के लिए पन्नाधाय ने अपने पुत्र चंदन को उदय सिंह की सैया पर सुलाने की और उदय सिंह को कीरत बारी की टोकरी में सुलाकर महल से बाहर भेजने की योजना बनाई |
(क) वक्ता और श्रोता कौन-कौन है ? दोनों का परिचय दीजिए | वक्ता ने अन्नदाता शब्द का प्रयोग किसके लिए किया है.
उत्तर-वक्ता जूठी पत्तल उठाने वाला कीरत बारी है और श्रोता पन्नाधाय है | वक्ता ने अन्नदाता शब्द का प्रयोग पन्ना धाय के लिए किया है |
(ख) वक्ता ने श्रोता की कौन सी बात सुनकर उपर्युक्त कथन कहा ?
उत्तर-पन्ना ने प्रश्नात्मक भाषा में कीरत से पूछा कि तुम कुंवर जी को बहुत प्यार करते हो ! इसी कथन के उत्तर में कीरत ने उपर्युक्त कथन कहा था |
(ग) वक्ता ने श्रोता की सहायता क्या सहायता की, कब और कैसे ?
उत्तर-वक्ता कीरत ने उदय सिंह को बचाने में पन्नाधाय की सहायता की | कीरत ने अपने स्वामीभक्ति व देशभक्ति का परिचय देते हुए उदय सिंह की रक्षा का दायित्व संभाला और अपनी टोकरी में पत्तलों के नीचे उदय सिंह को लिटाकर महल के बाहर ले गया | यह कार्य उसने उस समय किया जब महल पूरी तरह से सैनिकों से घिर चुका था और बनवीर कभी भी. उदयसिंह की हत्या करने आ सकता था |
घ) पन्नाधाय ने कुंवर उदयसिंह के प्राण रक्षा किस प्रकार की ? उत्तर-पन्नाधाय ने उदय सिंह को कीरत की टोकरी में लेटा कर महल से बाहर भेज दिया और उदय सिंह की सैया पर अपने पुत्र चंदन को सुला दिया ताकि बनवीर को यह एहसास भी ना हो कि उदय सिंह महल में नहीं है | इस प्रकार उसने अपने पुत्र चंदन का बलिदान देकर उदय सिंह के प्राणों की रक्षा की |
Sir ji dhanayawad
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