कहानी- भेड़ें और भेड़िए (अभ्यास पुस्तिका प्रश्न उत्तर ) BY- AVADH BIHARI (1)” पशु समाज में इस क्रांतिकारी परिवर्तन से हर्ष की लहर दौड़ गई कि सुख समृद्धि और सुरक्षा का स्वर्ण युग अब आया और वह आया”
(i) वन के पशुओं ने एकमत से क्या तय किया और क्यों ? वन में प्रजातंत्र की स्थापना का आशय स्पष्ट कीजिए - उत्तर- वन के पशुओं ने एकमत से तय किया कि वन प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना होनी चाहिए | वन के छोटे पशुओं व भेड़े भेड़ियों के शासन से अत्यंत दुखी थी | वे ऐसी शासन व्यवस्था चाहते थे, जिसमें कोई जीवधारी किसी को न सताए और सभी का हित निहित हो | वन में प्रजातंत्र की स्थापना का आशय है कि वन के पशु अपने प्रतिनिधि का चुनाव स्वयं करेंगे और अपनेे हित में कानून बनवाएँगे |
(ii)क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया है स्पष्ट कीजिए उत्तर -वन प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना होने जा रही थी | इसी व्यवस्था के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रयोग किया गया है | वन के छोटे पशु और भेडेें मत देकर अपना प्रतिनिधि स्वयं चुनेंगे | उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि पंचायत में उनके हितों की रक्षा करेंगे | भेड़ियों के अत्याचारों से सभी को मुुुुुुक्ति मिल जाएगी |
(iii) जंगल में हर्ष की लहर दौड़ गई सुख समृद्धि और सुरक्षा के स्वर्ण युग का आशय स्पष्ट कीजिए उत्तर- प्रजातंत्र की स्थापना जैसे क्रांतिकारी परिवर्तन से जंगल में हर्ष की लहर दौड़ गई | वन के पशुओं को लगने लगा कि अब वे सुख से जीवन जी सकेंगे और पंंचायत में कानून बन जाएगा तो कोई जीव किसी जीव को नहीं सताएगा | सुख समृद्धि और सुरक्षा के स्वर्ण युग से आशय एक ऐसे युग से है जिसमें सभी प्राणी निर्भय होकर जीवन जीएंं और सभी के सुख व सुरक्षा को ध्यान में रखा जाए | iv) जंगल में किस प्रकार का प्रजातंत्र आया? उसका क्या परिणाम निकला ? क्या सुख समृद्धि और सुरक्षा का स्वर्ण युग आया ? उत्तर -जंगल में प्रजातंत्र की स्थापना तो हुई लेकिन वास्तविक प्रजातंत्र की स्थापना नहीं हुई | प्रजातंत्र की स्थापना के बाद भी स्वार्थी व अत्याचारी भेड़िए भेड़ों को बहकाकर चुनाव जीत गए | इसका परिणाम यह निकला कि भेड़ों अच्छे दिन नहीं आए | उनका शोषण फिर से शुरू हो गया | जंगल में सुख समृद्धि का स्वर्ण युग नहीं आया | छोटे पशुओं व भेड़ों का शिकार कानून बनाकर किया जाने लगा |
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(2) “बूढ़े सियार ने बड़ी गंभीरता से पूछा, "~महाराज आपके मुख चंद्र पर चिंता के मेघ क्यों छाए हैं”
(i) 'महाराज' शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है ? उसकी चिंता का क्या कारण था और क्यों ? उत्तर-'महाराज' शब्द का प्रयोग भेड़िए के लिए किया गया है | उसकी चिंता का कारण वन प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना होना था क्योंकि उनकी संख्या दस फीसदी थी और भेड़े व अन्य छोटे पशु नब्बे फीसदी थे | ऐसे में पंचायत में भेड़ों का बहुमत निश्चित था | भेड़िए ने सोचा कि यदि कानून बन गया कि कोई पशु किसी को नहीं मारेगा तो वे खाएंगे क्या | भूखों मरना पड़ेगा |
(ii) उसकी बात सुनकर क्या उत्तर दिया? उसके चरित्र की किस विशेषता का पता चलता है उत्तर-सियार को सब कुछ मालूम था, परंतु फिर भी उसने दांत निपोर कर कहा कि हम क्या जाने महाराज ! हमारे तो आप ही माई बाप हैं | हम तो कोई और सरकार नहीं जानते | आप का दिया खाते हैं और आप के गुण गाते हैं | इस बात से पता चलता है कि वह चापलूस प्रवृति का प्राणी है और अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए चापलूसी करता है |
(iii) भेड़िए ने सियार को कौन सी बात बताई और इस संदर्भ में अपनी किस कठिनाई का उल्लेख किया ? उत्तर- भेड़िए ने सियार को वन में प्रजातंत्र की स्थापना की बात बताई और कहा कि हमारा बुरा समय शुरू होने वाला है | भेड़ों की सरकार बनेगी और उन्हें जंगल छोड़कर भागना पड़ेगा, लेकिन भागने के लिए भी कहीं स्थान नहीं है |
(iv) बूढ़े सियार ने भेड़िए को उस घटना से मुक्ति पाने के कौन से दो उपाय बताएं ? भेड़िए ने उनका क्या उत्तर दिया ? उत्तर -भेड़िए ने सियार को प्रजातंत्र की स्थापना की बात बताई और कहा कि अब मुसीबत का समय शुरू होने वाला है, परंतु जाएं भी तो कहां ? इस बात पर सियार ने सर्कस में भर्ती होने और अजायबघर में चले जाने को कहा | इस पर भेड़़िए ने कहा कि सर्कस में तो शेर और रीछ को ही लेते हैं | हम बदनाम है, इसलिए हमें वहां कोई नहीं पूछेगा | अजायबघर की बात पर कहा कि वहां तो आदमियों को रखा जाने लगा है |
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(3)' मुसीबत में फंसे भेड़िए ने आखिर सियार को अपना गुरु माना और आज्ञा पालन की शपथ ली'
(i) भेड़िया किस मुसीबत में फँस गया था ? सियार ने उसे उस मुसीबत से निकालने के लिए क्या आश्वासन दिया ? उत्तर- वन प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना होना ही भेड़िए की मुसीबत थी | उसे लगने लगा कि यदि कानून बन गया कि कोई जीव किसी को न मारे तो वे क्या खाएंगे |उन्हें चुुनाव में अपनी हार स्पष्ट दिखाई दे रही थी | भेड़िए को इस मुुुुुसीबत से निकालने के लिए एक समय का समय माँगा और कल तक कोई न कोई योजना बन जाने का आश्वासन दिया |
(ii) बूढे सियार ने तीनों सियारों को किस किस रंग में रंग कर क्या-क्या रूप दिया और क्यों ? उत्तर- बूढ़े सियार ने तीनोंं सियारों को नीले, पीले और हरे रंग में रंग दिया | पीले रंग के सियार को विचारक, कवि, लेखक और विद्वान का रूप दिया | नीले रंग के सियार को स्वर्ग का पत्रकार व नेता बताया | हरे रंग के सियार को धर्मगुरु बताया | इसके पीछे उसका उद्देश्य भेड़ों को भ्रमित कर भेड़िए को चुनाव जितवाना था |
(iii) सियार ने भेड़िए का रूप किस प्रकार बदला और क्यों ? उत्तर- बूढे सियार ने भेड़िए को संत बना दिया | मस्तक पर तिलक लगाया | गले मे माला पहनाई | मुुँह में घास के तिनके खोंस दिए | उसने ऐसा इसलिए किया ताकि भेड़ों को विश्वास हो जाए कि भेड़िए ने हिंसा करना छोड़ दिया है और चुनाव वाले दिन भेड़िए को अपना प्रतिनिधि चुन ले | (ivसियार ने भेेेेेेड़िए को किन तीन बातों का ध्यान रखने को कहा ? उत्तर - सियार ने भेड़िए से कहा कि अपनी आंखों को ऊपर मत उठाना, हमेशा जमीन की ओर देखना और कुछ बोलना नहीं, नहीं तो सारी पोल खुल जाएगी | सुंदर-सुंदर भेड़ों को देखकर किसी को तोड़ मत खाना |
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(4)'भाइयों और बहनों' अब भय मत करो | भेड़िया राजा संत हो गए हैं | उन्होंने हिंसा बिल्कुल छोड़ दी है | उनका सदैव परिवर्तन हो गया है |
(i) 'भाइयों और बहनों'-- शब्दों का प्रयोग किसने. कब और किसके लिए किया है ? उत्तर- बूढ़े सियार ने भेड़िए की चुनावी सभा के लिए सहस्रों भेड़ों को यह कहकर एकत्रित किया था कि उन्हें संबोधित करने के लिए कोई महान संत आने वाले हैं, लेकिन जैसे ही भेड़ों ने भेड़िए को आतेे देखा, उठ कर भागने लगी | तब उन्हें रोकने के लिए बूढ़े सियार ने 'भाइयों और बहनों' शब्दों का प्रयोग किया और भेड़ों को भागनेे सेे रोका | भाइयों और बहनों शब्दों का प्रयोग का भेड़ों और वन के अन्य छोटे पशुओं के लिए किया गया है | (ii) बूढ़े सियार ने भेड़िए राजा के ह्रदय परिवर्तन के संबंध में क्या-क्या कहा ? उत्तर- बूढ़े सियार ने कहा कि भेड़िए का हृदय परिवर्तन हो गया है | वे आज सात दिनों से घास खा रहे हैं | दिन रात भगवान का भजन करते हैं और दूसरों की भलाई करते हैं | किसी का भी दिल नहीं दुखाते हैं | भेड़ों से उन्हें विशेष प्रेम है | भेड़़ों के कष्ट को याद करके इनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं |
(iii) 'भेड़ों से उन्हें विशेष प्रेम है' बूढ़े सियार ने इस संबंध में भेड़िए के बारे में क्या बताया ? उत्तर- उसने बताया कि भेड़िया भेड़ों को बहुत चाहता है | भेड़ों पर जो आप पर अत्याचार हुए हैं, उनके कारण भेड़िया संत का सिर लज्जा से झुका हुआ है | वह अब आप लोगों की सेवा करना चाहते हैं | आप दोनों के नाम में भी कितना कम अंंतर है | पंचायत में भेड़ों के हितों की रक्षा भेड़िया संत ही कर सकते हैं |
(iv)बूढे सियार ऩे एक मासूम भेड़ के बच्चे से संबंधित किस झूठी घटना की कहानी सुनाई ? उत्तर- बूढे सियार ने भेेेेेेड़ों को बताया कि आज सवेरे की ही बात है | एक मासूम भेड़ के बच्चे के पांव में कांटा चुभ गया | भेड़िए संत ने अपने दांतो से उस कांटे को निकाला, लेकिन कष्ट से बेचारा बच्चा चल बसा तो भेड़िए ने सम्मान से उसकी अंत्येष्टि की | यह घटना झूठी थी | भेड़िए ने भेड़ के बच्चे को अपना भोजन बना लिया था |
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(5) ‘वे बोल नहीं सकते | अब आप इन तीनों प्राणियों को देखिए | आप इन्हें पहचान न पाए होंगे | पहचानेंगे भी कैसे ? वे इस लोक के जीव तो है नहीं |’
(I) वक्ता और श्रोता कौन है ? 'वे बोल नहीं सकते 'वाक्य का प्रयोग किसके लिए किया गया है? वक्ता ने उनके न बोल पाने का क्या कारण बताया ? उत्तर- वक्ता बूढा सियार है और श्रोता चुनावी सभा में आई भेड़े और अन्य छोटे पशु हैं | 'वे बोल नहीं सकते' का प्रयोग भेड़िए के लिए किया गया है | सियार ने भेडिए के न बोलने का कारण हृदय में भावों की अधिकता को बताया | उसने कहा कि भेड़ों से प्रेम और सहानुभूति होने के कारण उनका हृदय भावों से भर गया है, जिसके कारण गला अवरुद्ध हो गया है | वे बोल नहीं सकते |
(II ) 'इन्हें' शब्द से किन की ओर संकेत किया गया है ? उनका परिचय दीजिए .|
उत्तर -'इन्हें' शब्द का प्रयोग तीनो रंगीन सियारों के लिए किया गया है | जिनको बूढ़े सियार नीले, पीले और हरे रंग में रंगा है | पीला सियार कवि,लेखक व विचारक है ; नीला नेता व पत्रकार है और हरा सियार धर्मगुरु है |
(III) वक्ता ने कवि बनाए गए सियार के संबंध में क्या बताया ?
उत्तर- जब वक्ता ने कवि बनाए गए सियार को बोलने के लिए खड़ा किया तो वह हुआँ हुआँ करने लगा | उसे देखकर अन्य सियार हुआँ हुआँ करने लगे | बूढ़े सियार को लगा कि इससे तो सारा काम ही बिगड़ जाएगा | अतः उसने कहा कि कवि को कोरस में गीत आते हैं | इनकी बात कोई समझ नहीं सकता क्योंकि कवि की बात सबकी समझ में आ जाए तो वह कवि काहे का | कवि महाशय का कहना है कि जैसे स्वर्ग में परमात्मा वैसे ही धरती पर भेड़िया | भेड़िया महान है, सर्वशक्तिमान है और सर्वत्र व्याप्त हैं |
(IV) भेड़ें और भेड़िए शीर्षक कहानी में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-- उत्तर -प्रस्तुत कहानी का उद्देश्य प्रजातंत्र में धोखेबाज, झूठे, ढोंगी तथा चालक राजनेताओं की पोल खोलना है | चुनाव के समय राजनेता प्रजा के बीच आकर उनको बहकाकर और लुभावने लालच देकर वोट प्राप्त कर लेते हैं और चुनाव जीतकर जनता का शोषण करते रहते हैं | केवल और केवल उनका उद्देश्य अपने स्वार्थों की पूर्ति करना रह जाता है |****** AVADH BIHARI********
Sir isme last answer me chalaak ki spelling wrong hai
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