कहानी- दो कलाकार लेखिका- मन्नू भंडारी पात्र परिचय और चरित्र चित्रण (By Avadh Bihari )
अरुणा -- अरूणा कहानी की प्रमुख पात्रा है | वह चित्रा की सहेली है और समाज सेविका है | समाज के निर्धन, असहाय और दुखी लोगों की मदद करना वह अपना कर्तव्य समझती है | बस्ती के चौकीदारों और मजदूरों के बच्चों को पढ़ाकर उनका भविष्य संवारना चाहती है | इलाके में बाढ़ आने पर वह बाढ़ पीड़ितों के लिए चंदा इकट्ठा करती है और स्वयंसेवक दल के साथ बचाव कार्य में भाग लेने जाती है | जब उसे पता चलता है कि भिखारिन मर गई है और उसके बच्चे अनाथ हो गए हैं तो वह तुरंत वहाँ पहुंचकर उन बच्चों को अपना लेती है और मां की ममता प्रदान करती है | अरुणा अत्यंत संवेदनशील और भावुक है |
चित्रा -- दो कलाकार कहानी की दूसरी पात्रा है | वह अरूणा की सहेली है | उसके जीवन का उद्देश्य महान चित्रकार बनकर शोहरत और पैसा कमाना है | उसके हृदय में गरीब, असहाय व दुखी लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है | समाज सेवा के कार्य को वह बेकार का कार्य समझती है | वह हर घटना में अपने चित्र के लिए आइडिया खोजती है, चाहे वह घटना कितनी ही भयानक क्यों न हो | हृदयहीनता के कारण ही वह मृत भिखारिन के बच्चों को देखकर मदद करने के बजाय अपने चित्र के लिए स्केच बना लेती है | वह महत्वाकांक्षी और असंवेदनशील है |
कहानी का उद्देश्य - - लेखिका मन्नू भंडारी की कहानी 'दो कलाकार' सच्चे कलाकार से परिचित कराती है | मन्नू भंडारी जी ने कहानी के दो पात्रों के माध्यम से स्पष्ट किया है कि सच्चा कलाकार वह होता है, जिसमें मानवीय गुण होते हैं | सच्चा कलाकार केनवास पर तुलिका से रंग न भरकर अनाथ, निर्धन व दुखी लोगों के जीवन में खुशियों के रंग भरता है | कहानी की पात्रा चित्रा चित्रकार है और अपने क्षेत्र में शोहरत और पैसा कमाती है | वहीं दूसरी पात्रा अरुणा है जो अपनी परवाह किए बिना समाज सेवा का कार्य करती है | भिखारिन के मरने पर उसके बच्चों को अपना लेती है और उनके जीवन में खुशियों के रंग भरती है | उसके इसी कार्य के कारण लेखिका अरूणा को सच्चा कलाकार कहती है | लेखिका ने अरूणा के माध्यम से असहाय, पीड़ित और निर्धन लोगों की मदद करने और उनके प्रति सहानुभूति का भाव रखने का संदेश दिया है |
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