कहानी भेड़ें और भेड़िए प्रश्न उत्तर प्रस्तुत पंक्ति को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -- "अरे, कहाँ की आसमानी बातें करता है, भला वह हमें काहे को चुनेंगे | अरे, कहीं जिंदगी अपने को मौत के हाथ सौंप सकती है| मगर ऐसा हो सकता तो क्या बात थी | "
प्रश्न 1 प्रस्तुत कथन का संदर्भ स्पष्ट कीजिए. उत्तर -वन प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना होने जा रही थी | यह निश्चित हो चुका था कि भेड़िए चुनाव नहीं जीतेंगे क्योंकि अब तक उन्होंने भेड़ों को खूब सताया था | लेकिन इसके बाद भी बूढ़े सियार ने यह कहा कि अगर पंचायत में आप भेड़ियाँ जाति का बहुमत हो जाए तो ...इस बात पर भेड़िया चिढ़ गया और उसने उपर्युक्त कथन कहा |
प्रश्न 2- 'कहां की आसमानी बातें करता है 'आसमानी बातें करने का क्या अर्थ है ? भेड़िए ने ऐसा क्यों कहा है ? उत्तर- आसमानी बातें करने का अर्थ है -असंभव बातें करना या काल्पनिक बातें करना | वन प्रदेश में भेड़िए दस फीसदी थे और भेड़ें व अन्य छोटे पशु नब्बे फीसदी थे | भेड़िया जानता था कि चुनाव में भेड़ें कदापि उन्हें वोट नहीं देगी और ऐसे में चुनाव जीतना उनके लिए मात्र कल्पना की बातें हैं | इसलिए चुनाव जीतने को भेड़िया आसमानी बात कहता है |
प्रश्न 3 "अरे, कहीं ज़िन्दगी अपने को मौत की हाथ सौंप सकती है " कथन का अर्थ स्पष्ट कीजिए. उत्तर -कथन में 'जिंदगी' शब्द भेड़ों के लिए आया है और 'मौत' शब्द भेड़िए के लिए आया है | वन प्रदेश में भेड़ों के लिए भेड़िए मौत थे | वे जब चाहे उन्हें मारकर खा जाते थे | प्रजातंत्र की स्थापना से भेड़ों को अपनी जान बचाने का अवसर मिल रहा था | ऐसे में वे किसी भी हालत में वे भेड़ियों को वोट देकर अपनी मौत को बुलावा नहीं दे सकती थी |
प्रश्न 4-'मगर हां, ऐसा हो सकता तो क्या बात थी' भेड़िए के इस उम्मीद भरे कथन पर सियाऱ ने क्या कहा ? उत्तर-- सियार ने कहा कि सरकार एक दिन का समय दीजिए | कल तक कोई न कोई योजना बन जाएगी | मगर एक बात है आपको मेरे कहे अनुसार कार्य करना पड़ेगा |
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