संस्कार और भावना' एकांकी का उद्देश्य मानव की विचारधारा में परिवर्तन लाना है। रूढ़ियों को मानना तभी तक उचित है जब तक वह बंधन न लगे वरना इनका टूट जाना ही उचित है। संस्कारों को अवश्य मानना चाहिए लेकिन उसका दास नहीं बनना चाहिए। परिवर्तन संसार का नियम है और उसे पुराने की दुहाई देकर गलत नहीं ठहराना नहीं चाहिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए (1) "वह तमीज तो बस आप लोगों को है, मैंने कहा तुम तो लड़ती हो", मैं तो सिर्फ कहना चाहती थी कि नौकर से काम लेने का भी ढंग होता है |" (क) वक्ता और श्...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें