(IX) "चली गई ऐसा मैं नहीं सुन सकूंगी | जो मुझे करना है वह सामली सुन भी न सकेगी |भवानी तूने मेरे को कैसा कर दिया ? मुझे बल दो कि मैं राजवंश की रक्षा में अपना रक्त दे सकूं" (क) उपर्युक्त कथन किसने और किस संदर्भ में कहा है ?उत्तर- उपर्युक्त कथन पन्नाधाय ने स्वयं सेे कहा है | यह पन्ना का स्वगत कथन है | सामली के पूछने पर पन्नाधाय उदय सिंह के स्थान पर अपने पुत्र चंदन को बनवीर की तलवार नीचे सुला देने की बात कहती है , जिसे सामली सुन भी नहीं पाती है | इसी संदर्भ में पन्ना यह कथन कहती है | (ख)" मुझे जो करना है वह सामली सुन भी न सकेगी" .वक्ता क्या करना चाहता था ? पन्ना धाय कुंवर उदयसिंह को बचाने के लिए अपने पुत्र चंदन का बलिदान देने जा रही थी | राजवंश के दीपक हो बचाने के लिए पन्ना अपने पुत्र को बनवीर तलवार केे नीचे सुलाने जा रही थी, इस बात को सुनने शक्ति सामली में नहीं थी | (ग) पन्ना राजवंश की रक्षा किस प्रकार की ? पन्ना ने एक योजना के तहत कीरत बारी की टोकरी में कुवंर उदयसिंह को महल से बाहर भेज दिया और उदयसिंह के स्थान पर अपने पुत्र चंदन को सुला दिया | बनवीर नशे में महल में आया और चंदन को उदय सिंह समझ कर उसकी हत्या कर दी | इस तरह पन्ना ने अपने पुत्र का बलिदान देकर कुवंर उदयसिंह रक्षा की | (घ) पन्ना का बलिदान भूतपूर्व कैसे था ? . अभूतपूर्व का अर्थ है- जो पहले कभी नहीं हुआ हो | पन्ना धाय ने अपने पुत्र चंदन का बलिदान देकर मेवाड़ के अन्तिम उत्तराधिकारी उदयसिंह की रक्षा की | पन्ना का यह त्याग महान था |पन्ना का यह त्याग स्वामिभक्तिपूर्ण, देशभक्तिपूर्ण, साहसपूर्ण था | ऐसा त्याग इतिहास में कभी नहीं हुआ था | पन्ना के इस बलिदान को अभूतपूर्व कहा गया है | . (X) आज मैंने भी दीपदान किया है | दीपदान! अपने जीवन का दीप ....मैंने रक्त की धारा पर तेरा दिया है |" (क) वक्ता कौन है ?उसकी मार्मिक वेदना को स्पष्ट कीजिए वक्ता उदय सिंह की धाय मां पन्ना है | पन्ना उदय सिंह को बचाने में तो सफल हो गई लेकिन मृत्यु शैया पर धोखे से अपने पुत्र चंदन को सुला कर वह बहुत दुखी थी | वह स्वयं को सर्पिणी मानकर कोसती है जो अपने पुत्र को खा जाती है | वह स्वयम् को अभागिन कहकर अपने जन्म को धिक्कारती है | (ख) बनवीर व पन्ना के दीपदान में क्या अंतर था ? पन्ना ने मेवाड़ के दीपक उदयसिंह की रक्षा कर अपने पुत्र चंदन का दीपदान किया जो स्वाामीभक्ति, देशभक्ति,त्याग व साहस पूर्ण था | बनवीर के लिए राणा विक्रमादित्य व उदयसिंह की हत्या कर यमराज को दीपदान करना था, जो बनवीर की नीचता, राक्षसीपन , देशद्रोह, स्वार्थ से पूर्ण था | (ग) दीपदान एकांकी के द्वारा एकांकीकार ने क्या संदेश दिया है ? हिन्दी वर्क बुक देखें (घ) दीपदान एकांकी के शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए -हिन्दी वर्क बुक देखें
कहानी दो कलाकार के प्रश्नोत्तर (अभ्यास पुस्तिका ) by - Avadh Bihari 1. "अरे, यह क्या इसमें तो सड़क, आदमी, ट्राम, बस, मोटर, मकान सब एक दूसरे पर चढ़ रहे हैं | मानो सबकी खिचड़ी पकाकर रख दी हो | क्या घनचक्कर बनाया है ?" प्र श्न (i)."अरे, यह क्या " वाक्य का वक्ता और श्रोता कौन है ? कथन का संदर्भ स्पष्ट कीजिए | उत्तर -- कथन की वक्ता अरुणा है और श्रोता चित्रा है | चित्रा ने नया चित्र बनाया था | अरुणा ने जब उसे देखा तो उसे समझ नहीं आया कि यह किस जीव का चित्र है | अरूणा ने चित्र को घूमा फिरा कर देखा और कहा कि किसी तरह समझ नहीं पा रही हू...
Sir extract XI and X answers nahi mele please resend them
जवाब देंहटाएंthanks sir
जवाब देंहटाएंSir Hindi Sahitya Sagar aur ekanki sanchay aur vyakran me final exam ka syllabus kya pls bata dijiye sir
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