संस्कार और भावना' एकांकी का उद्देश्य मानव की विचारधारा में परिवर्तन लाना है। रूढ़ियों को मानना तभी तक उचित है जब तक वह बंधन न लगे वरना इनका टूट जाना ही उचित है। संस्कारों को अवश्य मानना चाहिए लेकिन उसका दास नहीं बनना चाहिए। परिवर्तन संसार का नियम है और उसे पुराने की दुहाई देकर गलत नहीं ठहराना नहीं चाहिए।
THIS BLOG IS USEFUL TO ISC/ICSE/CBSE/RBSE BOARD STUDENTS. STUDENTS CAN UNDERSTAND THEIR HINDI CHAPTERS EXPLANATION , HINDI GRAMMAR, POEMS EXPLANTION AND ALSO CAN SEE ANSWER. BLOGGER IS A TEACHER AND HAVE 20 YEARS TEACHING EXPRIENCE.